1976 में पहली बार 90 ऊंटों की टुकड़ी हुई थी शामिल

पहली बार 1976 में 90 ऊंटों की टुकड़ी गणतंत्र दिवस का हिस्सा बनी थी, जिसमें 54 ऊंट सैनिकों के साथ और शेष बैंड के जवानों के साथ थे। ऊंटों का दलबीएसएफ देश का अकेला ऐसा फोर्स है, जिसके पास अभियानों और समारोह दोनों के लिए सुसज्जित ऊंटों का दल है। शाही और भव्य अंदाज में सजे ‘रेगिस्तान के जहाज’ ऊंट को सीमा सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है और पहली बार यह ऊंट दस्ता सन 1976 में इस राष्ट्रीय पर्व की झांकी का हिस्सा बना था। इससे पहले सन 1950 से इसकी जगह सेना का ऐसा ही एक दस्ता गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा था। 


परेड और बीटिंग रिट्रीट में शामिल किए जाने वाले इन ऊंटों का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया जाता है। पांव से लेकर गर्दन और पीठ पर इनको सजाने के लिए सामग्रियां ररखी जाती है। उसके बाद इनके ऊपर बीएसएफ के जवान भी मूंछों पर ताव देते हुए और शाही वेश में बैठते हैं।